Tuesday, December 24, 2019

रघुवर का अहंकार भाजपा का बना ‘काल’

  • हेमंत सोरेन की दोनों सीटों पर मोदी की चुनावी सभा में उठायेे गये राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों को जनता ने खारिज कर दिया
इनसाइट ऑनलाइन से रोशी की रिपोर्ट
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित अन्य बड़े नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रघुवर दास को अपना चेहरा घोषित किया था वहीं झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन ने युवा नेता हेमंत सोरेन को अपना चेहरा घोषित किया था।

भाजपा ने जब रघुवर दास को चेहरा घोषित कर दिया फिर भी उस चेहरे पर विश्वास न करते हुए भारी संख्या में भाजपा ने राष्ट्रीय नेताओं को धुंआधार चुनाव प्रचार में उतारा। इनसाईट आॅनलाईन न्यूज ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 भाग-15 में लिखा था कि संताल परगना की 16 सीटों पर भी बजेगा गठबंधन का डंका! और इसके आगे तक लिखा था कि दावे-प्रतिदावे के बीच यह विश्लेषण छण कर आ रहा है कि हेमंत सोरेन बरहेट और दुमका से अवश्य जीत का परचम लहरायेंगे और यही हुआ। इसमें आगे लिखा था कि यदि अगर दोनों स्थान से झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन चुनाव जीतते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी की किरकिरी हो जायेगी।
  • प्रधानमंत्री मोदी की किरकिरी
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के इनसाईट ऑनलाइन न्यूज के आकलन भाग-14 में हमने लिखा था कि दो दिन के अंतराल में प्रधानमंत्री मोदी ने हेमंत सोरेन जो दो सीटों पर लड़ रहे थे उनको सफलता ना मिले इसके लिए चुनावी सभा की।
हेमंत सोरेन के जनप्रभाव से काफी सहमे हुए रघुवर दास ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी दोनों सीटों पर उतार कर सिर्फ भाजपा की ही नहीं मोदी की भी प्रतिष्ठा को गिराने का काम किया। इन दोनों सीटों से हेमंत सोरेन को विजय हासिल हुई और चुनावी सभाओं में राष्ट्रीय और क्षेत्रिय मुद्दों पर मोदी की दलिल जनता ने खारिज कर दी। यह भाजपा के लिए बहुत शर्मनाक मंजर है। इसमें गहरे चिंतन की जरूरत है कि भाजपा की लगातार गिरती साख की क्या उनकी जनविरोधी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रिय नीतियां ही वजह हैं।
  • रघुवर दास की सीट
अपनी सीट पर भी रघुवर दास को जब खतरा लगने लगा तो वहां भी मोदी की सभा करा दी और उनकी सीट से भी उन्हीं की पार्टी के करीबी रहें सरयू राय ने उन्हें जोर से पटखनी दे मारी और वह भारी मतों से चुनाव हार गये, अब मोदी को अपने प्यारे रघुवर दास को उनकी किरकिरी कराने के लिए धन्यवाद देना चाहिए! इससे झारखंड में सरकार से बेदखल हुई भाजपा में नई ऊर्जा का संचार होगा और कार्यकर्ता बाग-बाग हो जायेंगे।

23 दिसंबर को घोषित हुए चुनाव नतीजे झारखंड में भाजपा की अप्रत्याशित हार और जेएमएम, कांग्रेस और राजद गठबंधन की जीत के बाद बहुत सी कही-अनकही कहानियां बयां करती हैं। यदि बेवाक विश्लेषण हो तो बहुत से राज खुल जायेेंगे और दुर्गति की ग्राफ लगातार बढ़ता चला जायेगा।

मीडिया एवं प्रबुद्ध नागरिक मानते हैं कि रघुवर दास का अहंकार ही सरकार एवं भाजपा की नैया को डूबो दिया।



Thursday, December 12, 2019

J’khand poll: Voting for 12 seats ends, 57.96% votes cast

Voting ended for 12 of the 17 assembly seats at 3 p.m. in the third phase of the polls with 57.96 percent votes being cast on Thursday.


The voting will end at 5 p.m. for the Ranchi, Hatia, Kanke, Ramgarh, and Barkatha assembly seats.

There are a total of 309 candidates including 32 females whose fate will be decided by 56,06,743 voters including 26,73,991 women and 95 third gender. These 17 seats are spread across Ranchi, Hazaribagh, Chatra, Giridih, Bokaro, Koderma and Saraikela. More than 35000 security personnel have been deployed to ensure peaceful polling.

Jharkhand Governor Draupadi Murmu cast her vote at ATI Ranchi while AJSU president Sudesh Mahtyo cast his vote along with his wife at Silli. Jayant Sinha cast his vote in Hazaribagh.

A newly married couple cast their votes at polling booth number 225 of Hazaribagh. Priyanka was married on Wednesday night and she came with her husband for voting on Thursday morning. Maoist leader Maharaja Parmanik’s parents cast their votes at Ichagarh.

In the third phase, the key candidates are three ministers — CP Singh, Ramchandra Sahis and Neera Yadav, Former Chief Minister Babulal Marandi and former Deputy Chief Minister and All Jharkhand Students Union (AJSU) president Sudesh Mahto.

Of the 17 seats, BJP, JMM, and Congress had won 10, three and two seats respectively in the 2014 Assembly elections.

There is a direct fight between the BJP, Congress and JMM candidates on seven seats. For the Silli seat, the fight is between AJSU president Sudesh Mahto and JMM sitting legislator Seema Devi. There is a triangular fight on six seats. For some seats, the fight is four-cornered or multi-cornered.

Prime Minister Narendra Modi and Jharkhand Chief Minister Raghubar Das have appealed to the voters to cast their votes.



Tuesday, December 10, 2019

Citizenship Bill introduced in LS amid opposition’s objection

The government on Monday introduced the controversial Citizenship (Amendment) Bill, 2019 in the Lok Sabha despite objection raised by the opposition parties calling the move “fundamentally unconstitutional” and “violation” of Article 14 of the Indian constitution and others.



Following over an hour debate on Bill’s legislative competence if it can be taken or not, the lower House allowed it after the division of votes with 293 in its favor and 82 against.

Introducing the Bill, Union Home Minister Amit Shah rejected allegations of opposition members, saying “I assure that the Bill does not violate any Article of the Indian Constitution and that any citizen will not be deprived of their rights”.
“Every citizen has been given place in the Bill on the basis of reasonable classification.”

He said that the Bill seeks to provide Indian nationality to Hindus, Christians, Sikhs, Parsis, Jains and Buddhists fleeing persecution in Pakistan, Afghanistan, and Bangladesh.

The Minister said that the Bill has been introduced after analyzing the constitution of Pakistan, Afghanistan, and Bangladesh.

Referring to the Nehru-Liaquat agreement signed in 1950 after the partition of India and Pakistan, Shah said it was agreed to protect the rights of minorities but only India followed it but Hindus, Christians, Sikhs, Parsis, Jains, and Buddhists faced atrocities in Pakistan, Afghanistan, and Bangladesh.

“The Bill is for those minorities who faced religious persecution in Pakistan, Afghanistan, and Bangladesh.”

The Minister clarified as the Muslim community was not persecuted in the three Islamic countries, the Bill specifically mentions to provide citizenship to six religious persecuted minorities.

“The people of the six minority communities who migrated to India following religious persecution in Pakistan, Bangladesh, and Afghanistan will be given Indian citizenship as per this Bill. They are being given citizenship on the basis of reasonable classification. The Bill does not violate Article 14 of the Indian Constitution.”

But, Shah said, the Bill is not against the Muslim community and that if any Muslim seeks citizenship in India based on rules he will be entertained as per the Article of the Bill.

Major opposition parties, including Congress, Trinamool Congress, Revolutionary Socialist Party, Dravida Munnetra Kazhgam, All India Majlis-e-Ittehad-ul-Muslimeen, and Indian Union Muslim League, opposed the Bill citing various Articles of Indian Constitution.


Thursday, November 21, 2019

महाराष्ट्र में शिवसेना संग बनायेंगे सरकार हम: कांग्रेस-राकांपा

नयी दिल्ली 20 नवम्बर (वार्ता) कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को घोषणा की कि वे महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ यथाशीघ्र एवं यथासंभव गठबंधन सरकार बनायेंगे।



कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान ने यहां राकांपा प्रमुख शरद पवार के आवास पर कांग्रेस और राकांपा नेताओं की बैठक के बाद संवाददातओं से यह बात कही। बैठक में कांग्रेस के अहमद पटेल, मल्लिार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, के सी वेणुगोपाल, बालासाहेब थोराट तथा राकांपा के अजीत पवार, सुप्रिया सुले, नवाब मलिक और अन्य नेता मौजूद थे।

श्री चौहान ने कहा, “ राकांपा और कांग्रेस ने गठबंधन सरकार के गठन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया है। आज हमारे बीच लंबी और बहुत उपयोगी चर्चा हुई तथा कुछ पहलुओं पर अभी भी चर्चा की जानी है।”

श्री मलिक ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा नेताओं ने परस्पर निर्णय लिया है कि वे महाराष्ट्र में वैकल्पिक सरकार का गठन करेंगे। उन्होंने कहा, “राकांपा-कांग्रेस-शिवसेना के एक साथ आए बिना यह संभव नहीं है। हम सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए बेहतर प्रयास कर रहे हैं। हम यथाशीघ्र और यथासंभव वैकल्पिक सरकार बनायेंगे।”

कांग्रेस और राकांपा के राष्ट्रीय नेताओं ने श्री पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कई बैठकें की है। श्रीमती गांधी ने शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए मंजूरी दे दी है , हालांकि उन्होंने सजगता के साथ कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं।



 

Friday, November 15, 2019

बिरसा मुंडा जयन्ती एवं झारखण्ड स्थापना दिवस पर चहुंओर गहमा-गहमी

झारखण्ड के क्रांतिकारी सपूत भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती एवं झारखण्ड राज्य के 20वें स्थापना दिवस पर आज 15 नवम्बर को पूरे राज्य में गहमागहमी बनी हुई है। राज्य में आम नागरिकों सहित सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा भी विविध आयोजनों के माध्यम से बिरसा मुण्डा को श्रद्धांजलि दी गयी और सम्मान प्रदान किया गया। साथ ही राज्य स्थापना के उपलक्ष्य में विविध सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित कर राज्य के विकास की परिकल्पना को सार्थक करने के सवाल पर विचार-विमर्श किए गए।




झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस अवसर पर बिरसा मुण्डा के प्रति श्रद्धा अर्पित करते हुए राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की है और समस्त नागरिकों को राज्य गठन के उपलक्ष्य में शुभकामना दी है।
झारखण्ड स्थापना दिवस पर आज यहां मोरहाबादी मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इससे पूर्व झारखण्ड की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू एवं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिरसा मुण्डा के समाधि स्थल पर पहुंच कर माल्यार्पण किया। 


मुख्यमंत्री ने धरती आबा को दी श्रद्धांजलि


झारखंड स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को कोकर के डिस्टलरी स्थित भगवान बिरसा मुंडा की समाधि स्थल व उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर धरती आबा को नमन किया। मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस पर झारखंडवासियों को शुभकामनाएं दीं।उन्होंने ट्विटर पर लिखा- झारखंड राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई। अटल जी ने हमें अलग राज्य की सौगात दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की हर जरूरत का ख्याल रखा। 


आज झारखंड लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। आइए पुन: झारखंड के विकास का और संस्कृति तथा परंपरा की रक्षा का संकल्प लें।रांची के सांसद संजय सेठ, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित अन्य भाजपा नेताओं ने भी भगवान बिरसा मुंडा के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।उल्लेखनीय है कि झारखंड स्थापना दिवस के साथ भगवान बिरसा मुंडा की भी आज 144 वीं जयंती है। हालांकि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण प्रशासनिक स्तर पर कोई विशेष आयोजन नहीं किया जा रहा है।  

राज्यपाल ने भगवान बिरसा को दी श्रद्धांजलि 

झारखंड स्थापना दिवस पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कोकर के डिस्टलरी स्थित भगवान बिरसा मुंडा की समाधि स्थल एवं उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 144 वीं जयंती और झारखंड स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। मौके पर मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने भी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की।



Friday, November 8, 2019

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : अयोध्या में विवादित स्थल पर बनेगा राम मंदिर, मुस्लिम पक्ष को अलग जमीन

नयी दिल्ली, 09 नवम्बर (वार्ता) अयोध्या के करीब पांच सौ साल पुराने विवाद में 206 साल के बाद शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक को लेकर चल रहा विवाद करीब 500 साल पुराना है। माना जाता है कि इस विवाद की शुरुआत 1528 में तब हुई थी जब मुगल शासक बाबर ने राम मंदिर को गिराकर वहां मस्जिद का निर्माण कराया था। इसी वजह से इसे बाबरी मस्जिद कहा जाने लगा था। विवादित स्थल पर हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों में मालिकाना हक का विवाद सबसे पहले 1813 में शुरू हुआ था।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने शनिवार को इस संवेदनशील मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

शीर्ष अदालत ने गत 16 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्राचीन इतिहास के पन्नों को पलटते हुए, धार्मिक मान्यताओं एवं परम्पराओं तथा पुरातात्विक सवालों पर विचारोत्तोजक बहस के बीच अयोध्या की विवादित जमीन से संबंधित मुकदमे पर 40 दिन तक जिरह होने के बाद इस ऐतिहासिक सुनवाई का उस दिन पटाक्षेप हो गया था और पूरे देश को फैसले का इंतजार था।

भारतीय राजनीति पर तीन दशक से अधिक समय से छाये इस विवाद की सुनवाई के दौरान राम जन्मभूमि पर अपने दावे के पक्ष में जहां रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा, ऑल इंडिया हिन्दू महासभा, जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति एवं गोपाल सिंह विशारद ने दलीलें दी, वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड, हासिम अंसारी (मृत), मोहम्मद सिद्दिकी, मौलाना मेहफुजुरहमान, फारुख अहमद (मृत) और मिसबाहुद्दीन ने विवादित स्थल पर बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक का दावा किया।

इस मामले में शीर्ष अदालत की ओर से न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मोहम्मद इब्राहिम कलीफुल्ला के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल की ओर से मध्यस्थता असफल रहने की बात बताये जाने के बाद संविधान पीठ ने नियमित सुनवाई की और सभी पक्षों को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त अवसर दिये।

हिन्दू पक्ष की ओर से सबसे पहले ‘रामलला विराजमान’ के वकील के एस परासरण ने दलीलें शुरू की थी, जबकि सुनवाई का अंत सुन्नी वक्फ बोर्ड की जिरह से हुआ। चालीस दिन की सुनवाई के दौरान कई मौके ऐसे आये जब दोनों पक्षों के वकीलों में गर्मागर्म बहस हुई।

दरअसल उच्चतम न्यायालय में अयोध्या विवाद की सुनवाई न्यायिक इतिहास की दूसरी सबसे लंबी सुनवाई बन गयी। इससे पहले आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई 38 दिनों तक चली थी जबकि 68 दिनों की सुनवाई के साथ ही केशवानंद भारती मामला पहले पायदान पर बना हुआ है।

वर्ष 1973 में ‘केशवानंद भारती बनाम केरल’ के मामले में उच्चतम न्यायालय की 13 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने संवैधानिक रुख में संशोधन करते हुए कहा था कि संविधान संशोधन के अधिकार पर एकमात्र प्रतिबंध यह है कि इसके माध्यम से संविधान के मूल ढांचे को क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए। ‘केशवानंद भारती बनाम केरल’ के मामले में 68 दिन तक सुनवाई हुई, यह तर्क-वितर्क 31 अक्टूबर 1972 को शुरू होकर 23 मार्च 1973 को खत्म हुआ था।

आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष कोर्ट में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई की थी। इस बेंच में न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल थे। आधार मामले में 38 दिनों तक चली सुनवाई के बाद गत वर्ष 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था, जबकि इस पर गत वर्ष सितंबर में फैसला सुनाया गया था। इस मामले में विभिन्न सेवाओं में आधार की अनिवार्यता की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी।

मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि यदि मस्जिद के लिए बाबर द्वारा इमदाद देने के सबूत नहीं हैं, तो सबूत राम मंदिर के दावेदारों के पास भी नहीं है, सिवाय कहानियों के। मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वकील राजीव धवन ने दलील दी कि 1855 में एक निहंग वहां आया, उसने वहां गुरु गोविंद सिंह की पूजा की और निशान लगा दिया था। बाद में सारी चीजें हटाई गईं। उसी दौरान बैरागियों ने रातोंरात वहां बाहर एक चबूतरा बना दिया और पूजा करने लगे। उन्होंने बाबर की इमदाद के संबंध में उक्त बात तब कही थी जब संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने पूछा था कि क्या इस बात का कोई सबूत है कि बाबर ने भी मस्जिद को कोई इमदाद दी हो?

श्री धवन ने कहा था कि ब्रिटिश हुकूमत के गवर्नर जनरल और फैज़ाबाद के डिप्टी कमिश्नर ने भी पहले बाबर के फरमान के मुताबिक मस्जिद की देखभाल और रखरखाव के लिए रेंट फ्री गांव दिए, फिर राजस्व वाले गांव दिए। आर्थिक मदद की वजह से ही दूसरे पक्ष का ‘प्रतिकूल कब्जा’ नहीं हो सका था। सन् 1934 में मस्जिद पर हमले के बाद नुकसान की भरपाई और मस्जिद की साफ-सफाई के लिए मुस्लिमों को मुआवजा भी दिया गया था।

उन्होंने दलील दी थी कि शीर्ष अदालत अनुच्छेद 142 के तहत मिली अपरिहार्य शक्तियों के तहत दोनों ही पक्षों की गतिविधियों को ध्यान में रखकर इस मामले का निपटारा करें। उन्होंने कहा था कि मस्जिद पर जबरन कब्जा किया गया। लोगों को धर्म के नाम पर उकसाया गया, रथयात्रा निकाली गई, लंबित मामले में दबाव बनाया गया। उन्होंने कहा कि मस्जिद ध्वस्त की गई और तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को अवमानना के चलते एक दिन की जेल भी काटनी पड़ी थी।

मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा था कि कोई भी अयोध्या को राम के जन्म स्थान के रूप में अस्वीकार नहीं कर रहा है। यह विवाद बहुत पहले ही सुलझ गया होता अगर यह स्वीकार कर लिया जाता कि राम केंद्रीय गुंबद के नीचे पैदा नहीं हुए थे। हिंदुओं ने जोर देकर कहा है कि राम केंद्रीय गुंबद के नीचे पैदा हुए थे। सटीक जन्म स्थान ही मामले का मूल है।

मुस्लिम पक्ष ने हिन्दू पक्ष के इस दावे का खंडन भी किया था कि बाबरी मस्जिद इस्लाम के स्थापित नियमों के खिलाफ थी, साथ ही उसने कहा था कि मोहरहित ‘निर्मोही’ और बैरागी को जमीन से मोह क्यों? मुस्लिम पक्षकार के वकील मोहम्मद निज़ाम पाशा ने कहा कि बाबरी मस्जिद वैध मस्जिद थी या नहीं, वहां वजू करने की व्यवस्था थी या नहीं, इसे इस्लाम के सिद्धांतों पर परखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सिर्फ यह देखे जाने की जरूरत है कि वहां के लोग इसे मस्जिद मानते थे या नहीं।

हिन्दू पक्ष की दलील थी कि बाबरी मस्जिद में वज़ू करने की कोई जगह नहीं थी। उन्होंने जमाली कमाली मस्जिद, सिद्धि सईद मस्जिद का उदाहरण देते हुए कहा था कि उस मस्जिद में कोई गुम्बद नहीं है, पर जाली लगी हुई है जिसे ‘ट्री ऑफ लाइफ’ कहते हैं। यही नहीं वहां पर जो नक्काशी है उसमें पेड़ और फूल बने हुए हैं। हिन्दू पक्ष की यह भी दलील है कि विवादित जमीन की खुदाई में ढांचे के जो अवशेष मिले हैं उसमें पेड़ और फूल बने हैं जो मस्जिदों में नहीं होते।

एक मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हिन्दुओं के पास केवल राम चबूतरे का अधिकार है। मोहम्मद फारुख की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नाफडे ने संविधान पक्ष के समक्ष कहा था कि हिन्दुओं के पास उस स्थान का सीमित अधिकार है।

हिन्दुओं के पास चबूतरे का अधिकार तो है, लेकिन वे स्वामित्व हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि हिंदुओं की ओर से लगातार अतिक्रमण की कोशिश की गई।
इससे पहले मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि एएसआई रिपोर्ट ऑपिनियन और अनुमान पर आधारित है। पुरातत्व विज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान की तरह विज्ञान नहीं है। प्रत्येक पुरातत्व विज्ञानी अपने अनुमान और ओपिनियन के आधार पर नतीजा निकलता है।


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Friday, October 25, 2019

विधानसभा चुनाव : महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन बहुमत, हरियाणा में ‘त्रिशंकु’ विधानसभा के आसार, खट्टर ने राज्यपाल से मांगा मिलने का समय

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। कुल 288 सीटों में से अब तक 169 सीटों के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। भाजपा-शिवसेना गठबंधन 95 सीटें जीत चुका है, जबकि 59 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस-राकांपा गठबंधन अब तक 63 सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है, जबकि 48 सीटों पर आगे है। अन्य दलों व निर्दलीयों ने अब तक 11 सीटें जीती हैं।




 मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. आशीष देशमुख को 36 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। शिवसेना उम्मीदवार आदित्य ठाकरे मुंबई की वर्ली सीट से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने राकांपा उम्मीदवार सुरेश माने को 67,427 मतों से हराया।


फडणवीस सरकार के पांच मंत्री चुनाव हारे हैं। भाजपा उम्मीदवार एवं राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे परली सीट से चुनाव हार गयी हैं। उनको राकांपा उम्मीदवार एवं विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने 30 हजार से अधिक मतों से पराजित किया।


 फडणवीस सरकार के जो पांच मंत्री चुनाव हारे हैं उनमें पंकजा मुंडे, राम शिंदे, विजय शिवतारे, अर्जुन खोतकर व बाला भेगड़े शामिल हैं। विधानसभा उपाध्यक्ष विजयकुमार औटी भी चुनाव हार गए हैं।


कोथरूड सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील भी चुनाव जीत गए हैं। पाटील को 54.07 प्रतिशत मत मिले। उन्होंने मनसे उम्मीदवार किशोर नाना शिंदे को 25 हजार से ज्यादा मतों से हराया। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राकांपा उम्मीदवार अजित पवार बारामती सीट से चुनाव जीत गए हैं। उनको कुल 83.24 प्रतिशत मत मिले। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार गोपीचंद कुंडलीक पडलकर को 165,265 मतों से पराजित किया।

पिछली बार भाजपा-शिवसेना अलग-अलग लड़ी थीं। इस बार दोनों का गठबंधन है। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा 122 और शिवसेना 63 सीटें जीती थीं।

बीड़ जिले की परली विधानसभा सीट से राज्य सरकार की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे चुनाव हार गयी हैं। पंकजा को उनके चचेरे भाई राकांपा उम्मीदवार धनंजय मुंडे ने करीब 30 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। धनंजय राज्य विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। धनंजय को 1,22,114 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पंकजा को 91,413 मत से ही संतोष करना पड़ा। पंकजा भाजपा के कद्दावर नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं।
हरियाणा: भाजपा सबसे बड़ा दल लेकिन बहुमत से दूर

चंडीगढ़ । हरियाणा के चुनाव परिणाम में किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद प्रदेश की राजनीति में अब जोड़तोड़ का खेल शुरू हो गया है। भाजपा 38 सीटों पर, कांग्रेस 33 पर आगे, जजपा के 10 प्रत्याशी आगे। चुनाव परिणाम के तुरंत बाद ही यह खेल शुरू हो चुका है। भाजपा और कांग्रेस ने जहां जननायक जनता पार्टी और निर्दलीय विधायकों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं वहीं पर्दे के पीछे होने वाला खेल भी इसके साथ ही शुरू हो गया है।

90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों को ही विधायकों का बहुमत जुटाना पड़ेगा। इसके लिए जोड़तोड़ शुरू हो गया है।


भाजपा ने जहां एनडीए के सबसे वरिष्ठ नेता पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से आग्रह किया है कि वह दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला को भाजपा को समर्थन देने के लिए राजी करें वहीं कांग्रेस की तरफ से इस मामले में पहल करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा को छोडक़र सभी राजनीतिक दलों के विधायकों को आह्वान किया है कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए सभी एकजुट होकर महागठबंधन के बैनर तले नई सरकार का गठन करें।


हुड्डा ने इनेलो, जजपा, हलोपा व निर्दलीय विधायकों को एकजुट होने का आह्वान किया है। हालांकि जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने कोई भी राजनीतिक फैसला लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में सभी विधायकों की बैठक बुला ली है। इस बैठक में कांग्रेस या भाजपा को समर्थन देने के संबंध में फैसला किया जाएगा।

इसी दौरान इनेलो नेता एवं ऐलनाबाद से विधायक बने चौधरी अभय सिंह चौटाला ने हुड्डा के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि इनेलो कभी भी कांग्रेस का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने षड्यंत्र के तहत इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और अजय सिंह चौटाला को जेल की सजा करवाई थी। जिस पार्टी ने इस प्रकार का षड्यंत्र करते हुए उसके शीर्ष नेताओं को झूठे केस में फंसाकर सजा दिलवाई हो, उसे इनेलो एवं उसके कार्यकर्ता कभी भी माफ नहीं कर सकते।




Monday, October 14, 2019

Modi-Xi agree to promote mutual learning among their civilisations

Chinese President Xi Jinping and Indian Prime Minister Narendra Modi have agreed to promote exchanges and mutual learning among civilizations to achieve joint development and prosperity during their second informal summit in Mahabalipuram, Tamil Nadu, a Xinhua report said.

Xi and Modi held their second informal meeting in the picturesque Southern Indian town following their first in the central Chinese city of Wuhan in April 2018.

During Xi’s trip from his hotel in Chennai to Mahabalipuram, people from all walks of life lined the streets waving Chinese and Indian national flags, with young men and women in Indian traditional costumes singing and dancing, to welcome the Chinese President for his visit.

Xi recalled his successful meeting with Modi in Wuhan last year, which brought China-India relations into a new stage, and said that he was delighted to visit the state of Tamil Nadu to further learn about the country.

The two leaders held an extensive talk during the tour of the Mahabalipuram monuments “on dialogue and mutual learning among civilizations”.

Tamil Nadu, a maritime transit hub for cargoes in the ancient Silk Road, has a long history of exchanges with China and close connections with Beijing on maritime trade since ancient times, Xi said.

Both ancient civilizations with several thousand years of history, China and India have carried on their exchanges and mutual learning till this day, Xinhua news agency quoted the Chinese President as saying.

The two countries’ ancestors have overcome various obstacles to carry out extensive exchanges and promote the development of literature, art, philosophy, and religion, which have greatly benefited both sides, Xi said.

Noting that China-India cultural and people-to-people exchanges bear great potential, Xi urged both countries to take the 70th anniversary of China-India diplomatic relations next year as an opportunity to conduct broader and deeper cultural and people-to-people exchanges.

He also called on the two countries to jointly advocate and push forward dialogue and exchanges among different civilizations, so as to inject a more lasting driving force into the development of bilateral ties and continue to produce new glory for Asian civilizations.

The two leaders agreed that China and India should respect and learn from each other so as to jointly achieve common development and prosperity, as well as the great rejuvenation of the two civilizations, Xinhua added.


Source: Trusted Online News Portals in India


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Thursday, October 10, 2019

Apple starts selling Microsoft’s Xbox controller

Apple has started selling Microsoft’s Xbox Wireless Controller in its online stores, after adding support for the gamepad in the latest software updates for iPhone, iPad, Apple TV and the Mac.

The controller, spotted by MacRumors on Wednesday, costs $59.95. It is now available on both Apple’s and Microsoft’s websites.

As of now, Sony’s DualShock 4 has not appeared on Apple.com.



The Cupertino-based company has also introduced support for the PlayStation 4’s gamepad with iOS 13, iPadOS, tvOS 13 and macOS Catalina.

According to earlier reports, Microsoft was expected to introduce a mini Xbox priced around $60, especially for its Project xCloud.

Project xCloud is a vision for game-streaming technology that was introduced in October 2018 to complement Microsoft’s console hardware and to give gamers more choices.

The tiny box would be designed to make it easier for users to connect their Xbox controller to TVs and offer minimal processing power itself.

Source: Trusted Online News Portals in India


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Monday, September 23, 2019

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे ह्यूस्टन, ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिका के साथ बड़ी डील, एमओयू साइन

 भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने सात दिवसीय अमेरिकी दौरे पर रविवार को ह्यूस्टन पहुंच गए। प्रधानमंत्री का विमान ह्यूस्टन के जार्ज बुश इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। प्रधानमंत्री का  ट्रेड ऐंड इंटरनेशनल अफेयर्स के निदेशक क्रिस्टफर ओल्सन और अन्य अमेरिकी आधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के पहले दिन ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की।


यह बैठक स्थानीय होटल पोस्ट ओक में हुई। इस दौरान टेल्यूरिन और पेट्रोनेट के साथ पांच मिलियन टन लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग ( एमओयू) पर साइन किया गया। टेल्यूरियन और पेट्रोनेट ने स्थानांतरण अनुबंध को मार्च 2020 तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। टेल्यूरियन ने फरवरी में पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड इंडिया (पीएलएल) के साथ एक एमओयू साइन किया था। इसका उद्देश्य पीएलएल ड्रिफ्टवुड परियोजना में निवेश की संभावनाएं तलाशना था।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ह्यूस्टन में रह रहे सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात की। सिख समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री के फैसलों की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। सिख सुमदाय ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है वे 1984 के सिख विरोधी दंगों पर बोलें। ज्ञापन में दिल्ली एयरपोर्ट का नाम बदलकर गुरुनानक देव अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखने की अपील की गई।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को अपने सम्मान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम हाउडी मोदी में हिस्सा लेंगे। उनके साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम का आयोजन टेक्सास इंडिया फोरम ने किया है। इस कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे। मोदी अमेरिका प्रवास के दौरान  50 किलोवाट क्षमता के गांधी सोलर पार्क का उद्घाटन भी करेंगे।

Friday, September 13, 2019

Google finally rolling out dark mode for Gmail on Android

Google has started rolling out the dark mode for its Gmail app Android, over a week after the release of Android 10.


The latest version of the Gmail app for Android is said to be available with version 2019.08.18.267044774, which is currently available on Play Store.

To access the Gmail app’s dark mode, Pixel users with Android 10 need to download the latest version of Gmail on their phone. Then, they can go to settings, select the “theme” option, and chose between light, dark and a system default option, CNET reported on Wednesday.

As per the report, the dark option will turn the background of the Gmail app dark gray, along with all the inbox folders and most emails.

US-based search engine giant teased the dark-themed Gmail app along with other new features on the Android website when Android 10 was launched.

To recall, Google first started testing the dark mode on Android earlier this year, when it started rolling it out for a handful of users.



Wednesday, September 11, 2019

जलियांवाला बाग में दंडवत होकर ब्रिटिश बिशप जस्टिन पोर्टल वेल्बे ने मांगी माफी बोले, शर्मिंदा हूं

ब्रिटिश ईसाई धर्मगुरु आर्कबिशप ऑफ कैंटरबरी जस्टिन पोर्टल वेल्बी ने जलियांवाला बाग घटना पर दुख जताया। उन्होंने यहां विजिटर बुक में लिखा कि उन्हें इस घटना पर बेहद शर्मिंदगी महसूस होती है। आर्कबिशप ने इस दौरान प्रार्थना भी की जिसमें उन्होंने परमात्मा से इस घृणित कार्य के लिए माफी मांगी।



अमृतसर पहुंचे। उन्होंने जलियांवाला बाग में स्थित शहीदी लाट पर दंडवत प्रणाम कर शहीदों को नमन किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि शहीदों की यह यादगार सदा जीवित रहेगी। यहां होने वाले अपराध के लिए उन्हें खेद है।

एक धार्मिक नेता के रूप में वह इस दुखद घटना पर शोक प्रकट करते हैं। उन्होंने वर्ष 1919 में बैसाखी वाले दिन अंग्रेज हुकूमत के जनरल माइकल ओ डायर के आदेश पर किए गए नरसंहार की घटना पर असंतोष जताया।

नरसंहार में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद जस्टिन वेल्बी ने कहा, ‘मैं ब्रिटिश सरकार के लिए तो कुछ नहीं कह सकता। ना ही मैं सरकार का प्रवक्ता हूं लेकिन मैं ईश्वर के नाम पर बोल सकता हूं। यह पाप और मुक्ति का स्थान है। आपने याद रखा है कि उन्होंने क्या किया और उनकी यादें जिंदा रहेंगी। यहां हुए अपराध और उसके प्रभाव को लेकर मैं बहुत दुखी और शर्मिंदा हूं। धार्मिक नेता होने के चलते मैं इसपर शोक व्यक्त करता हूं।’
अपने दस दिवसीय भारत दौरे के आखिरी चरण में बिशप ने कहा, ‘मैं एक धर्मगुरु हूं, राजनीतिज्ञ नहीं। एक धार्मिक नेता के रूप में, मैं त्रासदी पर शोक मनाता हूं।यहां मैं लोगों के दुख को महसूस करने और ब्रिटिश लोगों की गोलियों से मारे गए लोगों की मौत पर पछतावा व्यक्त करने आता हूं।’

आर्कबिशप ने यहां विजिटर बुक में इस अत्याचार को लेकर एक बार फिर से अपनी भावनाएं नहीं रोक सके। उन्होंने लिखा, ‘यह बहुत ही दुखद है और सौ साल पहले इस तरह के अत्याचारों को देखने वाली इस जगह की यात्रा करने में मुझे शर्म आ रही है। मेरी भावनाएं भड़क रही हैं।’

गौरतलब है कि 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सैनिकों ने जनरल डायर के आदेश पर मशीनगन से निहत्थे लोगों को गोलियों से भून डाला था। ये लोग स्वतंत्रता सेनानियों सत्य पाल और सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी का विरोध करने इकट्ठा हुए थे। इस घटना के 100 साल बीत जाने के बाद भी ब्रिटेन ने इसके लिए औपचारिक तौर पर माफी नहीं मांगी है।




यह पूछे जाने पर कि क्या वह ब्रिटिश सरकार से वह औपचारिक माफी मांगने के लिए कहेंगे? उन्होंने जवाब दिया, ‘मुझे लगता है कि मैं जो महसूस करता हूं, उसके बारे में बहुत स्पष्ट हूं और मैं इसे इंग्लैंड में प्रसारित करूंगा।’





Wednesday, August 28, 2019

Trumping Trump’s unpredictability, makes India-US ties win-win

Given US President Donald Trumps unpredictability, India has been well prepared to meet and match his every mood, whether on trade or on Kashmir, as the successful conclusion and outcome of Prime Minister Narendra Modi's meetings with his show.




Even before his meeting with PM Modi in Osaka on the sidelines of the G20 in June, President Trump had taken to Twitter to vent irritation over India hiking its tariffs on US agricultural and industrial imports in retaliation to the US raising the tariff on steel and aluminium imports from India. “Unacceptable”, said the president, demanding that the tariffs be withdrawn.


Having realised by now the US President’s unpredictability, India has been going for meetings with him well prepared, and preferring to look at the larger picture in ties rather than getting bogged down with his utterances.

In a pointer to the burgeoning trade ties and just how mutually beneficial the relationship is — India-US bilateral trade reached $142 billion in 2018, witnessing a sevenfold increase since 2001 — and is expected to jump to $500 billion in five years.

Thus, rather than taking umbrage at the president’s testy language, Indian officials have been working with their US counterparts behind the scenes to soothe over the ruffles in ties.
And it has worked. For in his meeting with PM Modi in Biarritz, France, on the sidelines of the G7, President Trump did not mention his irritation over any trade issue. 

Being a hugely successful businessman, the US president understands the language of buy and sell and profit well, and anything that benefits his country is always a good thing.

On Kashmir, President Trump gave India some tense moments when he said in July that he would like to meditate on the issue and that PM Modi had suggested this to him during their Osaka meeting. India denied that PM Modi ever said such a thing and stressed that Kashmir is a bilateral matter.

India is now well prepared to tackle the US president’s unpredictable utterances. New Delhi now says just enough to convey its message, without going into any kind of quibbling over the wordings of what Trump has said, and prefers to work with US administration officials who know just how important the ties are.

Since Trump would be happy with anything that stands to benefit his country, India has already promised to buy more shale oil, with $4 billion worth of imports already in the pipeline. Indian ventures in the US are also creating jobs in the US. A CII report last year said that Indian companies have created more than 113,000 jobs in the US and invested nearly $18 billion in the country.

In the defence arena too, India has managed to soothe over US concerns over purchase of Russian S-400 Triumf missile systems. India’s defence purchases from the US, which stand at $ 18 billion since 2008, are set to rise with New Delhi lining up defence deals worth $10 billion over the next few years, which would obviously please the US president.

India has already bought C-17 and C-130J transport planes, the P-8i maritime reconnaissance aircraft, Harpoon missiles, Apache and Chinook helicopters and M777 howitzers. India is set to buy 10 more of the state-of-the-art P-8 aircraft, armed with Harpoon missiles and torpedoes, and more MH-60 Romeo helicopters and Apache attack helicopters.

These deals are beneficial to the US, and the president understands this well. So, when the two leaders met in Biarritz, there was affability in the air, and the US president voiced confidence in India’s ability to manage Kashmir, and most importantly Pakistan.

It is not just India that has been studying the US president’s moves. Pakistan Prime Minister Imran Khan had tried his luck too during his meeting with Trump on July 22 in Washington. With his country having virtually nothing to offer in terms of business and relying heavily on US aid, Imran Khan had taken to flattery and played the Afghan card to win over the US president and made him utter his offer to mediate on Kashmir.

Pakistan thought it was victory, and hoped to build on it. But it has come to nought.

Source: Trusted Online News Portals in India

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Tuesday, August 27, 2019

Cabinet may relax FDI in retail, okay ordinance to roll back FPI surcharge

The Union Cabinet in its meeting on Wednesday would take up proposals to relax foreign direct investment (FDI) in various sectors, including single-brand retail and digital media, as announced by Finance Minister Nirmala Sitharaman in her maiden Budget last month.



The liberal FDI regime is expected to attract foreign players to invest in the country which is facing a slowdown.

Seeking to make India more attractive FDI destination globally, Sitharaman had said that government would examine suggestions of further opening up of FDI in aviation, media (animation) and insurance sectors in consultation with all stakeholders.

The cabinet chaired by Prime Minister Narendra Modi may also consider approving an ordinance to roll back surcharge on foreign portfolio investors (FPIs). Sources said it had been decided to take ordinance route to scrap the higher surcharge.

In a sort of mini-Budget which included a flurry of measures to boost the economy, Finance Minister had last Friday announced rolling back the enhanced surcharge from long-term and short-term capital gains on FPIs thus returning to pre-Budget status.

The Budget proposal subsequently approved by Parliament raised surcharges on super-rich having annual taxable income more than Rs 2 crore. The surcharge of 25 percent was levied on those having taxable income between Rs 2 crore and 5 crores, and 39 percent on those with taxable income over Rs 5 crore.

While raising the levy, the government included all the individuals and association of persons (AOPs) under the purview of the enhanced surcharge. Since many foreign portfolio investors (FPIs) are structured as an association of persons (AOPs), limited liability partnerships and trusts, the higher surcharge applied to them.

Hit by the additional tax burden, the FPIs started pulling out money from the markets creating a negative sentiment. With massive capital outflow triggered by the levy, the government came under pressure and held a meeting with FPIs and domestic institutional investors to understand their concerns. Following the consultation, it decided to scrap the tax move.

Markets have responded positively to the surcharge roll-back with both BSE Sensex and NSE Nifty 50 indexes surging more than 2% on Monday, the first working day after the much-awaited announcement.

Source: Trusted Online News Portals in India

Wednesday, August 7, 2019

सुषमा स्वराज के निधन से स्तब्ध और दुखी हूं : रघुवर दास

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि पूर्व विदेश मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज जी के निधन से वह स्तब्ध और दुखी हैं।
श्री दास ने यहां अपने शोक संदेश में कहा, “सुषमा जी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा को समर्पित किया। उनकी कमी हमें सदैव महसूस होगी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति दे।“
उल्लेखनीय है कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल्ली के अखिल भरतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में मंगलवार की रात को निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। उनके परिवार में पति स्वराज कौशल और एक पुत्री बांसुरी स्वराज हैं।
वह लंबे अरसे से बीमार चल रही थीं और उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था। श्रीमती स्वराज को कल रात करीब दस बजे हृदयाघात के बाद एम्स में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर ले कर बचाने का प्रयास किया लेकिन उनके शरीर ने साथ नहीं दिया।

Friday, July 5, 2019

पूर्ण सत् गुरु ज्ञान देकर भव सागर से पार लगा देता है : चम्पा भाटिया

उतिष्ठित, जाग्रत, प्राप्य, वराणिबोधत्। उठो जागो और बोध प्राप्त करो।

इन शब्दों में मानव के लिए संदेश है कि हे मानव! इस आत्मा को जगाकर इसपर विचार करो कि तुम्हें यह मनुष्य जन्म जो मिला है, यह परमात्मा की प्राप्ति करके चैरासी लाख योनियों से मुक्त होने का अवसर है। ग्रंथों के अनुसार बढ़े भाग्य से मनुष्य जन्म मिलता है। इसमें केवल दुनियावी कामों में जीवन बिता दिया तो ये बाजी हारकर चले जाओगे।
जीवन का मूल उद्देश्य प्रभु की जानकारी करके इसका बोध हासिल करके आवागमन के चक्कर से मुक्त होना है। रामचरित मानस में लिखा हैः-
निद्रा, भोजन, भोग, भय से पशु पुरख समान। ज्ञान अधिक इक नरन् में ज्ञान बिना पशु जान।।
भाव, पशु और इंसान अपने आराम करने की सुरक्षित स्थान की व्यवस्था सूझ-बूझ से करते हैं। भोजन भी अपनी रूचि के अनुसार जानवर एवं इंसान सोच समझ कर करते हैं। हाथी जैसे मन भर खाता है पर केवल शाकाहार ही खाता है परन्तु शेर के आगे अच्छे से अच्छा पकवान अगर शकाहार है तो वह नहीं खाएगा। खाना चाहे पशु है या मानव बुद्धि से सोच समझ कर ही खाता है। कहीं कोई फर्क नहीं।
परिवार से भी मनुष्यों एवं पशुओं के वंश बढ़ते जाते हैं। आत्म रक्षा के प्रति जैसे मनुष्य सजग है, वैसे ही छोटे से छोटा जानवर भी अपने आपको बचाता है, उसे भी भय लगता है। ज्ञान (प्रभु परमात्मा की जानकारी) मनुष्य को पशुओं से अलग करता है, अन्यथा मनुष्य भी ज्ञान के बिना पशु के समान जीवन जी कर चला जाता है। श्री कृष्ण जी ने कहा हैः-
बहुनाम् जन्मनाम् अन्ते ज्ञानवान माम् प्रपद्यते। वासुदेवः सर्वम् इति महात्मा सुदुर्लभः।। 9-11

बहुत से जन्मों के बाद ज्ञानवान मेरी शरण में आता है। वह महात्मा दुर्लभ होता है। उस ज्ञानवान के लिए वासुदेव (जो सब देवताओं में वास करता है और जिसमें सभी देवता वास करते हैं) ही सबकुछ हैं, भाव वह एक प्रभु को ही सबकुछ समझता है, उनके तुल्य किसी और की पूजा उपासना को महत्व नहीं देता। प्रभु परमात्मा का ज्ञान प्राप्त करने की विधि गीता के चैथे अध्याय के 34वें श्लोक में बताईः-

तत् विद्धि प्रणिपातेण् परिप्रश्नेन सेवया। उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानम् ज्ञानिनः तत्व दर्शिनः।।

परमात्मा का ज्ञान प्राप्त करने के लिए ज्ञानियों, तत्वदर्शियों (जिन्होंने परमात्मा के निराकार रूप के दर्शन किए हैं) के पास जाकर चरणों में नमस्कार करके, सेवा करके, विनय पूर्वक प्रश्न करो, वे ज्ञानीजन तुझे ज्ञान का उपदेश देंगे। अर्जुन ने भी प्रभु के निराकार रूप को देखने के लिए विनती की कि अगर आप मुझे निराकार रूप के दर्शन के योग्य समझते हैं तो कृपा करके मुझे अपने अविनाशी रूप के दर्शन दें।

मीरा जी को भी इसी युग में प्रभु के अविनाशी रूप के दर्शन मुझ रविदास के द्वारा हुए। हर युग में यह जानकारी सत्गुरु की शरण में आकर हुई है और किन्हीं भी साधनों से प्रभु को प्राप्त नहीं किया जा सकता। गुरु गीता के अनुसारः-

जपः तपः पुण्य तीर्थम् यज्ञ दानम् एव   गुरुः तत्वम् अविज्ञाय सर्व व्यर्थम् भवेत प्रिये।
गुरु से तत्व रूप को जाने बिना जप तप यज्ञ दान पुण्य तीर्थ आदि सब व्यर्थ है। गीता में श्रीकृष्ण जी ने कहाः-
अहम् वेदैः तपसा दानेन इज्जया।
शक्य एवम्-विद्यः द्रष्टुम दृष्टवान असि माम् यथा।। 11-53
मेरा यह निराकार रूप जिसने देखा है, उसी के द्वारा देखा जाना संभव है। वेदों के पठन से, दान से, तप से और यज्ञ आदि के द्वारा इसे जाना जा सकता है। केवल सत्गुरु ही प्रभु के अविनाशी रूप को प्रकट करके दिखा देता है। अवतार बाणी में विदित हैः-
जप अंदर तप अंदर मिलया मिलना ए।
बिन माझी सागर विच बेड़ा ठिलया ठिलना ए।।
मिलदा मिल सकदा मुर्शद दे इक इशारे नाल, कहे अवतार पूरा गुरु छिन विच कर देंदा मायाजाल
सत्गुरु ही ज्ञान उजाला (रोशनी) देकर माया और मायापति प्रभु परमात्मा को भिन्न करके बता सकता है। इंसान भौतिक पदार्थों की तरफ तो प्रयासरत रहता है, परन्तु प्रभु की प्राप्ति की तरफ सोया हुआ है। श्री कृष्ण जी ने गीता के एक श्लोक में इसके बारे में कहाः-

या निशा सर्वभूतानाम् तस्याम् जागर्ति संयमी।
यस्याम् जाग्रति भूतानि सा निशा पश्यतो मुनेः।। 2-69
मिलदा मिल सकदा मुर्शद दे इक इशारे नाल, कहे अवतार पूरा गुरु छिन विच कर देंदा मायाजाल
सत्गुरु ही ज्ञान उजाला (रोशनी) देकर माया और मायापति प्रभु परमात्मा को भिन्न करके बता सकता है। इंसान भौतिक पदार्थों की तरफ तो प्रयासरत रहता है, परन्तु प्रभु की प्राप्ति की तरफ सोया हुआ है। श्री कृष्ण जी ने गीता के एक श्लोक में इसके बारे में कहाः-

या निशा सर्वभूतानाम् तस्याम् जागर्ति संयमी।
यस्याम् जाग्रति भूतानि सा निशा पश्यतो मुनेः।। 2-69
भु परमात्मा को पाने की कामना करने वाला मनुष्य भौतिक वस्तुओं के प्रति उदासीन भाव रखता है। उसके हृदय में ईश्वर को पाने की तड़प होती है, वह उसी के प्रति जागरूक है, जागा हुआ है, यत्नशील है। ईश्वर को पाकर ही मनुष्य मानव योनि में चैरासी लाख योनियों के आवागमन के चक्कर से मुक्त हो सकता है। अवतार बाणी में भी इंसान को जगाने का प्रयास किया हैः-

मानुष जन्म आखरी पौड़ी तिलक गय ते वारी गई।
कहे अवतार चैरासी वाली घोल घमाई सारी गई।।
जिसके हृदय में प्रभु के दर्शन की प्यास है उसपर श्री गुरु नानक देव जी बलिहार जाते हैं।
जिस जन को प्रभ दरस प्यासा।
नानक ताके बल बल जासा।।
परमात्मा की प्राप्ति के उपाय धार्मिक ग्रंथों में बताए हैं।
पूरे गुर का सुन उपदेश पारब्रह्म निकट कर पेख।
पूर्ण सत्गुरु इसका ज्ञान देकर इस भव सागर से पार लगा देता है।