- हेमंत सोरेन की दोनों सीटों पर मोदी की चुनावी सभा में उठायेे गये राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों को जनता ने खारिज कर दिया
इनसाइट ऑनलाइन से रोशी की रिपोर्ट
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित अन्य बड़े नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रघुवर दास को अपना चेहरा घोषित किया था वहीं झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन ने युवा नेता हेमंत सोरेन को अपना चेहरा घोषित किया था।
भाजपा ने जब रघुवर दास को चेहरा घोषित कर दिया फिर भी उस चेहरे पर विश्वास न करते हुए भारी संख्या में भाजपा ने राष्ट्रीय नेताओं को धुंआधार चुनाव प्रचार में उतारा। इनसाईट आॅनलाईन न्यूज ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 भाग-15 में लिखा था कि संताल परगना की 16 सीटों पर भी बजेगा गठबंधन का डंका! और इसके आगे तक लिखा था कि दावे-प्रतिदावे के बीच यह विश्लेषण छण कर आ रहा है कि हेमंत सोरेन बरहेट और दुमका से अवश्य जीत का परचम लहरायेंगे और यही हुआ। इसमें आगे लिखा था कि यदि अगर दोनों स्थान से झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन चुनाव जीतते हैं तो प्रधानमंत्री मोदी की किरकिरी हो जायेगी।
- प्रधानमंत्री मोदी की किरकिरी
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के इनसाईट ऑनलाइन न्यूज के आकलन भाग-14 में हमने लिखा था कि दो दिन के अंतराल में प्रधानमंत्री मोदी ने हेमंत सोरेन जो दो सीटों पर लड़ रहे थे उनको सफलता ना मिले इसके लिए चुनावी सभा की।
हेमंत सोरेन के जनप्रभाव से काफी सहमे हुए रघुवर दास ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी दोनों सीटों पर उतार कर सिर्फ भाजपा की ही नहीं मोदी की भी प्रतिष्ठा को गिराने का काम किया। इन दोनों सीटों से हेमंत सोरेन को विजय हासिल हुई और चुनावी सभाओं में राष्ट्रीय और क्षेत्रिय मुद्दों पर मोदी की दलिल जनता ने खारिज कर दी। यह भाजपा के लिए बहुत शर्मनाक मंजर है। इसमें गहरे चिंतन की जरूरत है कि भाजपा की लगातार गिरती साख की क्या उनकी जनविरोधी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रिय नीतियां ही वजह हैं।
- रघुवर दास की सीट
अपनी सीट पर भी रघुवर दास को जब खतरा लगने लगा तो वहां भी मोदी की सभा करा दी और उनकी सीट से भी उन्हीं की पार्टी के करीबी रहें सरयू राय ने उन्हें जोर से पटखनी दे मारी और वह भारी मतों से चुनाव हार गये, अब मोदी को अपने प्यारे रघुवर दास को उनकी किरकिरी कराने के लिए धन्यवाद देना चाहिए! इससे झारखंड में सरकार से बेदखल हुई भाजपा में नई ऊर्जा का संचार होगा और कार्यकर्ता बाग-बाग हो जायेंगे।
23 दिसंबर को घोषित हुए चुनाव नतीजे झारखंड में भाजपा की अप्रत्याशित हार और जेएमएम, कांग्रेस और राजद गठबंधन की जीत के बाद बहुत सी कही-अनकही कहानियां बयां करती हैं। यदि बेवाक विश्लेषण हो तो बहुत से राज खुल जायेेंगे और दुर्गति की ग्राफ लगातार बढ़ता चला जायेगा।
मीडिया एवं प्रबुद्ध नागरिक मानते हैं कि रघुवर दास का अहंकार ही सरकार एवं भाजपा की नैया को डूबो दिया।
Source: Jharkhand News