Monday, September 23, 2019

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे ह्यूस्टन, ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिका के साथ बड़ी डील, एमओयू साइन

 भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने सात दिवसीय अमेरिकी दौरे पर रविवार को ह्यूस्टन पहुंच गए। प्रधानमंत्री का विमान ह्यूस्टन के जार्ज बुश इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। प्रधानमंत्री का  ट्रेड ऐंड इंटरनेशनल अफेयर्स के निदेशक क्रिस्टफर ओल्सन और अन्य अमेरिकी आधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के पहले दिन ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की।


यह बैठक स्थानीय होटल पोस्ट ओक में हुई। इस दौरान टेल्यूरिन और पेट्रोनेट के साथ पांच मिलियन टन लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग ( एमओयू) पर साइन किया गया। टेल्यूरियन और पेट्रोनेट ने स्थानांतरण अनुबंध को मार्च 2020 तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। टेल्यूरियन ने फरवरी में पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड इंडिया (पीएलएल) के साथ एक एमओयू साइन किया था। इसका उद्देश्य पीएलएल ड्रिफ्टवुड परियोजना में निवेश की संभावनाएं तलाशना था।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ह्यूस्टन में रह रहे सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात की। सिख समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री के फैसलों की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। सिख सुमदाय ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है वे 1984 के सिख विरोधी दंगों पर बोलें। ज्ञापन में दिल्ली एयरपोर्ट का नाम बदलकर गुरुनानक देव अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखने की अपील की गई।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को अपने सम्मान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम हाउडी मोदी में हिस्सा लेंगे। उनके साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम का आयोजन टेक्सास इंडिया फोरम ने किया है। इस कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे। मोदी अमेरिका प्रवास के दौरान  50 किलोवाट क्षमता के गांधी सोलर पार्क का उद्घाटन भी करेंगे।

Friday, September 13, 2019

Google finally rolling out dark mode for Gmail on Android

Google has started rolling out the dark mode for its Gmail app Android, over a week after the release of Android 10.


The latest version of the Gmail app for Android is said to be available with version 2019.08.18.267044774, which is currently available on Play Store.

To access the Gmail app’s dark mode, Pixel users with Android 10 need to download the latest version of Gmail on their phone. Then, they can go to settings, select the “theme” option, and chose between light, dark and a system default option, CNET reported on Wednesday.

As per the report, the dark option will turn the background of the Gmail app dark gray, along with all the inbox folders and most emails.

US-based search engine giant teased the dark-themed Gmail app along with other new features on the Android website when Android 10 was launched.

To recall, Google first started testing the dark mode on Android earlier this year, when it started rolling it out for a handful of users.



Wednesday, September 11, 2019

जलियांवाला बाग में दंडवत होकर ब्रिटिश बिशप जस्टिन पोर्टल वेल्बे ने मांगी माफी बोले, शर्मिंदा हूं

ब्रिटिश ईसाई धर्मगुरु आर्कबिशप ऑफ कैंटरबरी जस्टिन पोर्टल वेल्बी ने जलियांवाला बाग घटना पर दुख जताया। उन्होंने यहां विजिटर बुक में लिखा कि उन्हें इस घटना पर बेहद शर्मिंदगी महसूस होती है। आर्कबिशप ने इस दौरान प्रार्थना भी की जिसमें उन्होंने परमात्मा से इस घृणित कार्य के लिए माफी मांगी।



अमृतसर पहुंचे। उन्होंने जलियांवाला बाग में स्थित शहीदी लाट पर दंडवत प्रणाम कर शहीदों को नमन किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि शहीदों की यह यादगार सदा जीवित रहेगी। यहां होने वाले अपराध के लिए उन्हें खेद है।

एक धार्मिक नेता के रूप में वह इस दुखद घटना पर शोक प्रकट करते हैं। उन्होंने वर्ष 1919 में बैसाखी वाले दिन अंग्रेज हुकूमत के जनरल माइकल ओ डायर के आदेश पर किए गए नरसंहार की घटना पर असंतोष जताया।

नरसंहार में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद जस्टिन वेल्बी ने कहा, ‘मैं ब्रिटिश सरकार के लिए तो कुछ नहीं कह सकता। ना ही मैं सरकार का प्रवक्ता हूं लेकिन मैं ईश्वर के नाम पर बोल सकता हूं। यह पाप और मुक्ति का स्थान है। आपने याद रखा है कि उन्होंने क्या किया और उनकी यादें जिंदा रहेंगी। यहां हुए अपराध और उसके प्रभाव को लेकर मैं बहुत दुखी और शर्मिंदा हूं। धार्मिक नेता होने के चलते मैं इसपर शोक व्यक्त करता हूं।’
अपने दस दिवसीय भारत दौरे के आखिरी चरण में बिशप ने कहा, ‘मैं एक धर्मगुरु हूं, राजनीतिज्ञ नहीं। एक धार्मिक नेता के रूप में, मैं त्रासदी पर शोक मनाता हूं।यहां मैं लोगों के दुख को महसूस करने और ब्रिटिश लोगों की गोलियों से मारे गए लोगों की मौत पर पछतावा व्यक्त करने आता हूं।’

आर्कबिशप ने यहां विजिटर बुक में इस अत्याचार को लेकर एक बार फिर से अपनी भावनाएं नहीं रोक सके। उन्होंने लिखा, ‘यह बहुत ही दुखद है और सौ साल पहले इस तरह के अत्याचारों को देखने वाली इस जगह की यात्रा करने में मुझे शर्म आ रही है। मेरी भावनाएं भड़क रही हैं।’

गौरतलब है कि 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सैनिकों ने जनरल डायर के आदेश पर मशीनगन से निहत्थे लोगों को गोलियों से भून डाला था। ये लोग स्वतंत्रता सेनानियों सत्य पाल और सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी का विरोध करने इकट्ठा हुए थे। इस घटना के 100 साल बीत जाने के बाद भी ब्रिटेन ने इसके लिए औपचारिक तौर पर माफी नहीं मांगी है।




यह पूछे जाने पर कि क्या वह ब्रिटिश सरकार से वह औपचारिक माफी मांगने के लिए कहेंगे? उन्होंने जवाब दिया, ‘मुझे लगता है कि मैं जो महसूस करता हूं, उसके बारे में बहुत स्पष्ट हूं और मैं इसे इंग्लैंड में प्रसारित करूंगा।’